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सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है |
Monday, May 29, 2006 |
है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से और भडकेगा जो शोल-सा हमारे दिल में है सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न चाहतें दिल में भर लिये लो भर चले हैं ये कदम जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल में है सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है दिल मे तूफानों की तोली और नसों में इन्कलाब होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है |
posted by Rohit Srivastwa @ 11:21 PM |
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Home: Chandipur, Balasore, Orissa, India
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